आपकी राशि – स्वभाव, व्यक्तित्व एवं गुण-दोष

 


आपकी राशि – स्वभाव, व्यक्तित्व एवं गुण-दोष

आपकी राशि, आपके बारे में बहुत कुछ बताती है। इसके द्वारा आपके स्वभाव, व्यक्तित्व और आपकी आदतों को जाना जा सकता है। राशि के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर गुण व दोष देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं आपकी राशि के अनुसार आपका स्वभाव, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य एवं गुण-दोष। चुनें अपनी राशि–

Mesh daily horoscopeमेष
Vrishabha daily horoscopeवृष
Mithun daily horoscopeमिथुन
Karka daily horoscopeकर्क
Singh daily horoscopeसिंह
Kanya daily horoscopeकन्या
Tula daily horoscopeतुला
Vrishchika daily horoscopeवृश्चिक
Dhanu daily horoscopeधनु
Makara daily horoscopeमकर
Kumbha daily horoscopeकुम्भ
Meena daily horoscopeमीन

राशि क्या होती है?

वैदिक ज्योतिष में कुल 12 राशियाँ होती हैं। इनमें हर राशि का अपना एक स्वभाव, विशेषता और प्रतीक चिन्ह होता है। प्रत्येक राशि का अपना एक स्वामी होता है जो उस राशि को नियंत्रित करता है। हिंदू ज्योतिष पद्धति के अनुसार सूर्य और चंद्रमा को एक-एक राशि का स्वामित्व प्राप्त है जबकि मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह को दो-दो राशि का स्वामित्व मिला है। राशि और राशि के स्वामी के स्वभाव व विशेषता का हमारे व्यक्तित्व पर पूरा असर होता है, इसलिए किसी भी व्यक्ति के स्वभाव, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और गुण व दोष का अंदाजा उसकी राशि के बारे में जानकर लगाया जा सकता है।

संख्याराशिस्वामी ग्रह
1.मेषमंगल
2.वृषभशुक्र
3.मिथुनबुध
4.कर्कचंद्रमा
5.सिंहसूर्य
6.कन्यागुरु
7.तुलाशुक्र
8.वृश्चिकमंगल
9.धनुबुध
10.मकरशनि
11.कुंभशनि
12.मीनगुरु

ज्योतिष में राशि चक्र

हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आकाश मंडल में स्थित भचक्र 360 अंश का होता है। इन्हें 12 राशियों एवं 27 नक्षत्रों में विभाजित किया गया है। राशि चक्र में स्थित एक राशि 30 अंश की होती है। इसमें प्रत्येक राशि की अपनी एक आकृति होती है और इसी आकृति के आधार पर प्रत्येक राशि का नाम रखा गया है। नाम के अनुरूप सभी राशियों का अपना अलग-अलग महत्व होता है।

तत्वों के आधार पर राशि

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में भिन्न-भिन्न तत्वों के कारण 12 राशियों को चार भागों में बांटा गया है। इनमें जल राशि, अग्नि राशि, वायु राशि और पृथ्वी राशि होती हैं।

जल राशि: यदि आपकी राशि कर्क, वृश्चिक या मीन में से कोई एक है तो वह आपकी जल तत्व की राशि होगी। जल राशि के जातक भावनात्मक एवं संवेदनशील होते हैं और इनकी स्मृति शक्ति तीक्ष्ण होती है और अपने प्रियजनों के लिए की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

अग्नि राशि: यदि आपकी राशि मेष, सिंह अथवा धनु है तो यह आपकी अग्नि तत्व की राशि होगी। इस राशि के जातक भावुक, गतिशील और मनमौजी होते हैं और इन्हें जल्दी ही ग़ुस्सा आ जाता है। अग्नि राशि के जातक साहसी, ऊर्जावान और आदर्शवादी होते हैं।

वायु राशि: यदि आपकी राशि मिथुन, तुला या कुंभ है तो यह आपकी वायु तत्व की राशि होगी। इस राशि के जातक बुद्धिजीवी, मिलनसार, विचारक, और विश्लेषक होते हैं। वायु राशि के जातकों को पुस्तक पढ़ने में आनंद आता है।

पृथ्वी राशि: यदि आपकी राशि वृषभ, कन्या या मकर है तो यह आपकी पृथ्वी तत्व की राशि होगी। पृथ्वी राशि के जातक ज़मीन से जुड़े हुए, व्यवहारिक और विश्वास योग्य होते हैं। इस राशि ते जातकों को भौतिक चीज़ों से लगाव होता है।

चर, स्थिर और द्विस्वभाव राशि

ज्योतिष में 12 राशियों को इनके स्वभाव एवं प्रकृति के अनुसार तीन प्रकार भागों में विभाजित किया गया है। इनमें चर, स्थिर और द्विस्वभाव की राशियाँ होती हैं। मेष, कर्क, तुला व मकर राशि चर राशि कहलाती हैं और वृषभ, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ राशि स्थिर राशि होती हैं, जबकि मिथुन, कन्या, धनु व मीन राशियाँ द्विस्वाभाव राशि होती हैं।

चर राशियाँ जीवन में अस्थिरता को दर्शाती हैं। चर का शाब्दिक अर्थ ही गतिमान है। इस राशि के जातक स्वभाव से चंचल और व्यक्तित्व से आकर्षक होते हैं। इसके विपरीत स्थिर राशियाँ अपने नाम के के अनुरूप स्थिर होती हैं। इन राशि के जातकों में आलस का भाव देखा जा सकता है। ये अपने स्थान से आसानी से नहीं हटते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात स्थिर राशि वाले लोग कोई भी कार्य जल्दबाज़ी में नहीं करते हैं। वहीं द्विस्वभाव की राशियों में चर और स्थिर दोनों राशियों के गुण होते हैं।

लिंग के अनुसार राशि भेद

ज्योतिष विज्ञान में राशिचक्र में आने वाली 12 राशियों को लिंग के आधार पर विभाजित किया है। इनमें पुरुष लिंग राशियाँ और स्त्री जाती की राशियाँ होती हैं।

पुरुष लिंग राशिस्त्री लिंग राशि
मेषवृषभ
मिथुनकर्क
सिंहकन्या
तुलावृश्चिक
धनुमकर
कुंभमीन

चंद्र एवं सूर्य राशि क्या होती है?

वैदिक ज्योतिष में राशिफल की गणना चंद्र राशि के आधार पर होती है। हमारे जन्म के समय जब चंद्रमा आकाश मंडल में जिस राशि में उदित होता है, वह राशि हमारी चंद्र राशि कहलाती है। जबकि पाश्चात्य ज्योतिष विद्या में सूर्य आधारित राशि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें जन्म के समय जब सूर्य जिस राशि में स्थित होता है तो वह आपकी सूर्य राशि होती है।

नाम राशि क्या होती है?

आपकी राशि यदि नाम के पहले अक्षर के आधार पर है तो यह आपकी नाम राशि कहलाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपके नाम का पहला अक्षर आपके व्यक्तित्व के कई राज़ उजागर करता है। यह आपके स्वभाव, चरित्र, पसंद-नापसंद, हाव-भाव आदि के बारे में बहुत कुछ बताता है।

नाम का पहला अक्षरनाम राशि
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आमेष
ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वोवृषभ
का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हमिथुन
ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डोकर्क
मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टेसिंह
ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पोकन्या
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, तेतुला
तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यूवृश्चिक
ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भेधनु
भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गीमकर
गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दाकुंभ
दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चीमीन

वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली  में स्थित 12 राशि, 12 भाव और 27 नक्षत्र की स्थिति और गणना से व्यक्ति का राशिफल या भविष्यफल तैयार होता है और इसी राशिफल से लोगों के जीवन के महत्वपूर्ण बिंदुओं को जाना जाता है

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