सिंह राशि पर साढ़े साती: 2025, 2026 - 2116

 



सिंह राशि पर साढ़े साती: 2025, 2026 - 2116

नोट: नीचे दिए गए टेबल में सिंह राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें सिंह राशि के लिए वर्ष 2025, 2026 और 2027 की साढ़े साती भी शामिल हैं।

जन्म राशि: सिंह

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीकर्कसोमवार, सितम्बर 6, 2004गुरुवार, जनवरी 13, 2005उदय
2साढ़े सातीकर्कगुरुवार, मई 26, 2005मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006उदय
3साढ़े सातीसिंहबुधवार, नवम्बर 1, 2006बुधवार, जनवरी 10, 2007शिखर
4साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जनवरी 11, 2007रविवार, जुलाई 15, 2007उदय
5साढ़े सातीसिंहसोमवार, जुलाई 16, 2007बुधवार, सितम्बर 9, 2009शिखर
6साढ़े सातीकन्यागुरुवार, सितम्बर 10, 2009सोमवार, नवम्बर 14, 2011अस्त
7साढ़े सातीकन्याबुधवार, मई 16, 2012शुक्रवार, अगस्त 3, 2012अस्त
8छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, नवम्बर 3, 2014गुरुवार, जनवरी 26, 2017
9छोटी पनौतीवृश्चिकबुधवार, जून 21, 2017गुरुवार, अक्टूबर 26, 2017
10छोटी पनौतीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027
11छोटी पनौतीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028
12साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जुलाई 13, 2034बुधवार, अगस्त 27, 2036उदय
13साढ़े सातीसिंहगुरुवार, अगस्त 28, 2036शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2038शिखर
14साढ़े सातीकन्याशनिवार, अक्टूबर 23, 2038मंगलवार, अप्रैल 5, 2039अस्त
15साढ़े सातीसिंहबुधवार, अप्रैल 6, 2039मंगलवार, जुलाई 12, 2039शिखर
16साढ़े सातीकन्याबुधवार, जुलाई 13, 2039रविवार, जनवरी 27, 2041अस्त
17साढ़े सातीकन्याबुधवार, फ़रवरी 6, 2041बुधवार, सितम्बर 25, 2041अस्त
18छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, दिसम्बर 12, 2043बुधवार, जून 22, 2044
19छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अगस्त 30, 2044शुक्रवार, दिसम्बर 7, 2046
20छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054
21छोटी पनौतीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057
22साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, अगस्त 24, 2063मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064उदय
23साढ़े सातीकर्कशनिवार, मई 10, 2064सोमवार, अक्टूबर 12, 2065उदय
24साढ़े सातीसिंहमंगलवार, अक्टूबर 13, 2065बुधवार, फ़रवरी 3, 2066शिखर
25साढ़े सातीकर्कगुरुवार, फ़रवरी 4, 2066शुक्रवार, जुलाई 2, 2066उदय
26साढ़े सातीसिंहशनिवार, जुलाई 3, 2066बुधवार, अगस्त 29, 2068शिखर
27साढ़े सातीकन्यागुरुवार, अगस्त 30, 2068मंगलवार, नवम्बर 4, 2070अस्त
28छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, फ़रवरी 6, 2073गुरुवार, मार्च 30, 2073
29छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अक्टूबर 24, 2073गुरुवार, जनवरी 16, 2076
30छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, जुलाई 11, 2076रविवार, अक्टूबर 11, 2076
31छोटी पनौतीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086
32छोटी पनौतीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087
33साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, जुलाई 3, 2093गुरुवार, अगस्त 18, 2095उदय
34साढ़े सातीसिंहशुक्रवार, अगस्त 19, 2095शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2097शिखर
35साढ़े सातीकन्याशनिवार, अक्टूबर 12, 2097शुक्रवार, मई 2, 2098अस्त
36साढ़े सातीसिंहशनिवार, मई 3, 2098गुरुवार, जून 19, 2098शिखर
37साढ़े सातीकन्याशुक्रवार, जून 20, 2098शुक्रवार, दिसम्बर 25, 2099अस्त
38साढ़े सातीकन्यागुरुवार, मार्च 18, 2100गुरुवार, सितम्बर 16, 2100अस्त
39छोटी पनौतीवृश्चिकरविवार, दिसम्बर 3, 2102रविवार, नवम्बर 29, 2105
40छोटी पनौतीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113
41छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116

सिंह राशि पर साढ़े साती: 2025, 2026 - 2116

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में आपको गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे आपके कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। आपको अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आप अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः आपको परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढे साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान आप सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। आपकी सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए आपको नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो आप संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आपको मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में आपकी सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना आपको इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढे साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद आप कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और आपको इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। आपको उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि आप समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

नोट: उपर्युक्त भविष्यवाणियाँ सामान्य प्रकृति की हैं और आम धारणाओं पर आधारित हैं, जिसके अनुसार साढ़े साती अनिष्टकारक होती है। किन्तु हमारे अनुभव के अनुसार प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता है और हम पाठकों से यह आलेख पढ़ने का अनुरोध करते हैं। सिर्फ़ साढ़े साती के आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना सही नहीं है और उसके ग़लत होने की काफ़ी संभावना रहती है। साढ़े साती की अवधि अच्छी रहेगी या बुरी, यह तय करने से पहले कुछ अन्य चीज़ों जैसे वर्तमान में चल रही दशा और शनि के स्वभाव आदि के विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है। आपको सलाह दी जाती है कि उपर्युक्त फलकथन को गंभीरता से न लें और यदि आपके मन में कुछ शंका है, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें।

उपाय

  • शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। (40 दिनों में 19000 बार)
  • शनि दान: शनिवार को भैंस या काले तिल का दान करें
  • शनि के लिए व्रत: शनिवार को उपवास रखें
  • शनि पूजा: हनुमान जी की पूजा करें
  • शनि रुद्राक्ष: 14 मुखी रूद्राक्ष पहनें
  • शनि जड़ी: धतूरे के जड़
  • शनि रत्न: नीलम

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