मिथुन राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा में रत्न धारण

  


मिथुन राशि के जातकों के लिए ग्रहों की दशा में रत्न धारण 



मिथुन राशि (Gemini) का स्वामी ग्रह बुध (Mercury) होता है। इसलिए बुध का प्रभाव मिथुन जातकों के जीवन पर विशेष रूप से पड़ता है। जब किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह शुभ स्थिति में होता है, तो उसका अनुकूल रत्न पहनने से जीवन में उन्नति, समृद्धि, और मानसिक शांति मिलती है। वहीं, किसी ग्रह की दशा प्रतिकूल हो तो सही उपाय और रत्न धारण करने से उसकी अशुभता को कम किया जा सकता है।




इस लेख में, हम मिथुन राशि के जातकों के लिए अलग-अलग ग्रहों की दशाओं में उपयुक्त रत्नों की जानकारी देंगे और बताएंगे कि इन रत्नों के धारण करने के क्या प्रभाव हो सकते हैं।






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1. बुध की महादशा या अंतरदशा में – पन्ना (Emerald) धारण करें




क्यों पहनें?




बुध मिथुन राशि का स्वामी ग्रह है और बुद्धि, वाणी, व्यापार, संचार, तर्कशक्ति और शिक्षा से जुड़ा हुआ है। यदि बुध कुंडली में बलहीन हो, अशुभ स्थिति में हो या नीच राशि (मीन) में स्थित हो, तो इसके नकारात्मक प्रभाव दूर करने के लिए पन्ना (Emerald) पहनना शुभ होता है।




पहनने के लाभ:




मानसिक शक्ति और तर्कशक्ति को बढ़ाता है।




व्यापार, संचार और लेखन कार्यों में सफलता दिलाता है।




स्मरण शक्ति को मजबूत करता है और पढ़ाई में मदद करता है।




वाणी में मधुरता लाता है और संवाद कौशल बेहतर करता है।




यदि बुध अशुभ हो तो वाणी में कड़वाहट, निर्णय लेने में भ्रम और व्यापार में नुकसान हो सकता है, जिसे पन्ना पहनकर कम किया जा सकता है।






कैसे पहनें?




धातु: सोने या चांदी में बनवाएं।




उंगली: छोटी उंगली में पहनें।




दिन: बुधवार को सुबह 5 से 7 बजे के बीच पहनें।




मंत्र: "ॐ बुं बुधाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।








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2. सूर्य की महादशा या अंतरदशा में – माणिक्य (Ruby) धारण करें




क्यों पहनें?




यदि मिथुन राशि के जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर है, नीच राशि (तुला) में है या पाप ग्रहों से ग्रसित है, तो माणिक्य (Ruby) पहनने से इसके नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं।




पहनने के लाभ:




आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।




सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है।




समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ता है।




यदि सूर्य अशुभ हो तो पिता से संबंध खराब हो सकते हैं, आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।






कैसे पहनें?




धातु: सोने में बनवाएं।




उंगली: अनामिका (रिंग फिंगर) में पहनें।




दिन: रविवार को सुबह 5 से 7 बजे के बीच।




मंत्र: "ॐ घृणिः सूर्याय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।








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3. चंद्र की महादशा या अंतरदशा में – मोती (Pearl) धारण करें




क्यों पहनें?




यदि मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, नीच राशि (वृश्चिक) में हो या राहु-केतु के प्रभाव में हो, तो मोती (Pearl) पहनना लाभकारी होता है।




पहनने के लाभ:




मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता मिलती है।




क्रोध कम होता है और मन शांत रहता है।




माता से संबंध अच्छे होते हैं।




यदि चंद्रमा कमजोर हो तो जातक अत्यधिक भावुक, अस्थिर चित्त और तनावग्रस्त रह सकता है।






कैसे पहनें?




धातु: चांदी में बनवाएं।




उंगली: कनिष्ठिका (छोटी उंगली) में पहनें।




दिन: सोमवार को सुबह 5 से 7 बजे के बीच।




मंत्र: "ॐ सों सोमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।








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4. शनि की महादशा या अंतरदशा में – नीलम (Blue Sapphire) धारण करें (सावधानीपूर्वक)




क्यों पहनें?




यदि मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में है और लाभदायक है, तो नीलम (Blue Sapphire) धारण किया जा सकता है। लेकिन इसे पहनने से पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है।




पहनने के लाभ:




कार्यों में तेजी से सफलता मिलती है।




जीवन में अनुशासन और स्थिरता आती है।




नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है।




यदि शनि कमजोर हो, तो संघर्ष, बाधाएं और विलंब होता है।






कैसे पहनें?




धातु: सोने या पंचधातु में बनवाएं।




उंगली: मध्यमा (मध्य) उंगली में पहनें।




दिन: शनिवार को सूर्यास्त के समय।




मंत्र: "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।








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5. राहु की महादशा या अंतरदशा में – गोमेद (Hessonite) धारण करें




क्यों पहनें?




यदि राहु मिथुन राशि के जातक की कुंडली में खराब स्थिति में हो, भ्रम, मानसिक अशांति, और अचानक समस्याएं उत्पन्न कर रहा हो, तो गोमेद (Hessonite) पहनना लाभकारी होता है।




पहनने के लाभ:




मानसिक भ्रम और तनाव से राहत मिलती है।




नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव होता है।




करियर और व्यापार में स्थिरता आती है।






कैसे पहनें?




धातु: चांदी में बनवाएं।




उंगली: मध्यमा (मध्य) उंगली में पहनें।




दिन: शनिवार को रात 12 बजे के बाद।




मंत्र: "ॐ राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।








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निष्कर्ष




मिथुन राशि के जातकों के लिए रत्न धारण करना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है, लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुंडली

 का गहराई से विश्लेषण करवाना आवश्यक है। सही रत्न पहनने से स्वास्थ्य, करियर, और व्यक्तिगत जीवन में उन्नति हो सकती है, वहीं गलत रत्न पहनने से विपरीत प्रभाव भी पड़ सक


ते हैं।




यदि आप किसी ग्रह की महादशा या अंतरदशा से गुजर रहे हैं और उससे संबंधित परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर ही रत्न धारण करें।


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