धनु राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा अनुसार रत्न धारण

  


धनु राशि के जातकों के लिए ग्रह दशा अनुसार रत्न धारण करने की सलाह



भूमिका:


ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है। सही रत्न धारण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त होती है। धनु राशि (सिंह लग्न और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति) के जातकों को किस ग्रह की दशा में कौन सा रत्न धारण करना चाहिए, यह उनकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।






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धनु राशि के स्वामी ग्रह और उनके प्रभाव




धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति (गुरु) होता है, जो ज्ञान, धर्म, न्याय, सौभाग्य, शिक्षा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यदि धनु राशि के जातकों की कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में हो, तो उनका जीवन समृद्ध रहता है। परंतु यदि यह कमजोर या अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में उचित रत्न धारण करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।






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ग्रह दशा के अनुसार धनु राशि के जातकों के लिए उपयुक्त रत्न




1. बृहस्पति (गुरु) की दशा में - पुखराज (Yellow Sapphire)




कब धारण करें:




यदि बृहस्पति कमजोर हो या नीच का हो।




गुरु की महादशा या अंतर्दशा में बाधाएं आ रही हों।




शिक्षा, करियर, विवाह और संतान संबंधी समस्याएं हो रही हों।






पुखराज पहनने के लाभ:


✔️ ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि होती है।


✔️ करियर में तरक्की और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।


✔️ विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।


✔️ संतान प्राप्ति में सहायक होता है।


✔️ आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मकता बढ़ती है।




कैसे धारण करें:




5 से 7 कैरेट का पुखराज सोने की अंगूठी में बनवाकर गुरुवार को दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करें।




इसे सुबह स्नान करके, ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद पहनें।








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2. सूर्य की दशा में - माणिक (Ruby)




कब धारण करें:




यदि सूर्य कमजोर हो, नीच का हो या अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो।




सूर्य की महादशा या अंतर्दशा में आत्मविश्वास की कमी हो।




करियर, प्रशासनिक क्षेत्र, पिता से संबंधों में समस्याएं हो रही हों।






माणिक पहनने के लाभ:


✔️ आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है।


✔️ सरकारी नौकरी, प्रशासनिक क्षेत्र और राजनीति में सफलता मिलती है।


✔️ मान-सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है।


✔️ पिता से संबंध मजबूत होते हैं।




कैसे धारण करें:




3 से 5 कैरेट का माणिक सोने की अंगूठी में बनवाकर रविवार को अनामिका अंगुली में धारण करें।




इसे सुबह सूर्य को जल अर्पित करने के बाद, ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप कर पहनें।








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3. शनि की दशा में - नीलम (Blue Sapphire)




कब धारण करें:




यदि शनि कमजोर हो, नीच का हो या शनि की महादशा/अंतर्दशा में कठिनाइयां आ रही हों।




साढ़े साती या ढैय्या चल रही हो और जीवन में संघर्ष बढ़ गया हो।






नीलम पहनने के लाभ:


✔️ कार्यों में तेजी से सफलता मिलती है।


✔️ करियर और व्यवसाय में स्थिरता आती है।


✔️ शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहता है।


✔️ बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव करता है।




>कैसे धारण करें:




5 से 7 कैरेट का नीलम पंचधातु या चांदी की अंगूठी में बनवाकर शनिवार को मध्यमा अंगुली में धारण करें।




इसे ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप कर पहनें।








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4. मंगल की दशा में - मूंगा (Red Coral)




कब धारण करें:




मंगल कमजोर हो या अशुभ प्रभाव डाल रहा हो।




मंगल की महादशा या अंतर्दशा में अनावश्यक विवाद और क्रोध बढ़ गया हो।




भूमि-सम्पत्ति, करियर और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो।






मूंगा पहनने के लाभ:


✔️ साहस, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प बढ़ता है।


✔️ भूमि, संपत्ति और करियर में सफलता मिलती है।


✔️ रक्त संबंधी बीमारियों से राहत मिलती है।


✔️ शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।




कैसे धारण करें:




5 से 7 कैरेट का मूंगा तांबे या सोने की अंगूठी में बनवाकर मंगलवार को अनामिका अंगुली में धारण करें।




इसे ‘ॐ अं अंगारकाय नमः’ मंत्र का जाप कर पहनें।








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5. चंद्रमा की दशा में - मोती (Pearl)




कब धारण करें:




यदि चंद्रमा कमजोर हो और मानसिक तनाव, अनिद्रा, अस्थिरता हो।




चंद्रमा की महादशा या अंतर्दशा में भावनात्मक समस्याएं हो रही हों।






मोती पहनने के लाभ:


✔️ मानसिक शांति और आत्म-संतुलन बढ़ता है।


✔️ भावनात्मक स्थिरता और सकारात्मकता आती है।


✔️ अनिद्रा और मानसिक अशांति दूर होती है।


✔️ माता से संबंध मजबूत होते हैं।




कैसे धारण करें:




5 से 7 कैरेट का मोती चांदी की अंगूठी में बनवाकर सोमवार को कनिष्ठिका अंगुली में धारण करें।




इसे ‘ॐ सों सोमाय नमः’ मंत्र का जाप कर पहनें।








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निष्कर्ष




धनु राशि के जातकों को अपनी कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर ही रत्न धारण करना चाहिए। रत्नों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में महत्वपू

र्ण बदलाव ला सकता है, लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें। सही रत्न धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि, 


मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है।




यदि आप अपने ग्रहों की दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करते हैं, तो यह आपके जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है।


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