मीन राशि पर साढ़े साती: 2025, 2026 - 2116

 



मीन राशि पर साढ़े साती: 2025, 2026 - 2116

नोट: नीचे दिए गए टेबल में मीन राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें मीन राशि के लिए वर्ष 2025, 2026 और 2027 की साढ़े साती भी शामिल हैं।

जन्म राशि: मीन

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 18, 1998मंगलवार, जून 6, 2000अस्त
2छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, जुलाई 23, 2002बुधवार, जनवरी 8, 2003
3छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, अप्रैल 8, 2003रविवार, सितम्बर 5, 2004
4छोटी पनौतीमिथुनशुक्रवार, जनवरी 14, 2005बुधवार, मई 25, 2005
5छोटी पनौतीतुलामंगलवार, नवम्बर 15, 2011मंगलवार, मई 15, 2012
6छोटी पनौतीतुलाशनिवार, अगस्त 4, 2012रविवार, नवम्बर 2, 2014
7साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, अप्रैल 29, 2022मंगलवार, जुलाई 12, 2022उदय
8साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 18, 2023शनिवार, मार्च 29, 2025उदय
9साढ़े सातीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027शिखर
10साढ़े सातीमेषगुरुवार, जून 3, 2027मंगलवार, अक्टूबर 19, 2027अस्त
11साढ़े सातीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028शिखर
12साढ़े सातीमेषगुरुवार, फ़रवरी 24, 2028मंगलवार, अगस्त 7, 2029अस्त
13साढ़े सातीमेषशनिवार, अक्टूबर 6, 2029मंगलवार, अप्रैल 16, 2030अस्त
14छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, मई 31, 2032बुधवार, जुलाई 12, 2034
15छोटी पनौतीतुलासोमवार, जनवरी 28, 2041मंगलवार, फ़रवरी 5, 2041
16छोटी पनौतीतुलागुरुवार, सितम्बर 26, 2041शुक्रवार, दिसम्बर 11, 2043
17छोटी पनौतीतुलागुरुवार, जून 23, 2044सोमवार, अगस्त 29, 2044
18साढ़े सातीकुम्भरविवार, फ़रवरी 25, 2052गुरुवार, मई 14, 2054उदय
19साढ़े सातीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054शिखर
20साढ़े सातीकुम्भबुधवार, सितम्बर 2, 2054शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055उदय
21साढ़े सातीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057शिखर
22साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 7, 2057मंगलवार, मई 27, 2059अस्त
23छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, जुलाई 11, 2061सोमवार, फ़रवरी 13, 2062
24छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, मार्च 7, 2062गुरुवार, अगस्त 23, 2063
25छोटी पनौतीमिथुनबुधवार, फ़रवरी 6, 2064शुक्रवार, मई 9, 2064
26छोटी पनौतीतुलाबुधवार, नवम्बर 5, 2070रविवार, फ़रवरी 5, 2073
27छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, मार्च 31, 2073सोमवार, अक्टूबर 23, 2073
28साढ़े सातीकुम्भशनिवार, अप्रैल 12, 2081शनिवार, अगस्त 2, 2081उदय
29साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 7, 2082रविवार, मार्च 19, 2084उदय
30साढ़े सातीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086शिखर
31साढ़े सातीमेषबुधवार, मई 22, 2086शनिवार, नवम्बर 9, 2086अस्त
32साढ़े सातीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087शिखर
33साढ़े सातीमेषशनिवार, फ़रवरी 8, 2087शनिवार, जुलाई 17, 2088अस्त
34साढ़े सातीमेषरविवार, अक्टूबर 31, 2088मंगलवार, अप्रैल 5, 2089अस्त
35छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, सितम्बर 19, 2090मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090
36छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, मई 21, 2091गुरुवार, जुलाई 2, 2093
37छोटी पनौतीतुलाशनिवार, दिसम्बर 26, 2099बुधवार, मार्च 17, 2100
38छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, सितम्बर 17, 2100शनिवार, दिसम्बर 2, 2102
39साढ़े सातीकुम्भमंगलवार, फ़रवरी 17, 2111मंगलवार, मई 2, 2113उदय
40साढ़े सातीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113शिखर
41साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, सितम्बर 22, 2113गुरुवार, जनवरी 25, 2114उदय
42साढ़े सातीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116शिखर
43साढ़े सातीमेषसोमवार, मार्च 30, 2116बुधवार, मई 18, 2118अस्त

शनि साढे साती : उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में आपको गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे आपके कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। आपको अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आप अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः आपको परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढे साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान आप सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। आपकी सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए आपको नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो आप संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आपको मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में आपकी सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना आपको इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढे साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद आप कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और आपको इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। आपको उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि आप समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

नोट: उपर्युक्त भविष्यवाणियाँ सामान्य प्रकृति की हैं और आम धारणाओं पर आधारित हैं, जिसके अनुसार साढ़े साती अनिष्टकारक होती है। किन्तु हमारे अनुभव के अनुसार प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता है और हम पाठकों से यह आलेख पढ़ने का अनुरोध करते हैं। सिर्फ़ साढ़े साती के आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना सही नहीं है और उसके ग़लत होने की काफ़ी संभावना रहती है। साढ़े साती की अवधि अच्छी रहेगी या बुरी, यह तय करने से पहले कुछ अन्य चीज़ों जैसे वर्तमान में चल रही दशा और शनि के स्वभाव आदि के विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है। आपको सलाह दी जाती है कि उपर्युक्त फलकथन को गंभीरता से न लें और यदि आपके मन में कुछ शंका है, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें।

उपाय

  • शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। (40 दिनों में 19000 बार)
  • शनि दान: शनिवार को भैंस या काले तिल का दान करें
  • शनि के लिए व्रत: शनिवार को उपवास रखें
  • शनि पूजा: हनुमान जी की पूजा करें
  • शनि रुद्राक्ष: 14 मुखी रूद्राक्ष पहनें
  • शनि जड़ी: धतूरे के जड़
  • शनि रत्न: नीलम

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