नोट: नीचे दिए गए टेबल में मीन राशि पर शनि की साढ़े साती साल 1998 से 2116 तक दिखाई गयी हैं। इसमें मीन राशि के लिए वर्ष 2025, 2026 और 2027 की साढ़े साती भी शामिल हैं।
जन्म राशि: मीन
क्रम संख्या
साढे साती/ पनौती
शनि राशि
आरंभ तिथि
समाप्ति तिथि
चरण
1
साढ़े साती
मेष
शनिवार, अप्रैल 18, 1998
मंगलवार, जून 6, 2000
अस्त
2
छोटी पनौती
मिथुन
मंगलवार, जुलाई 23, 2002
बुधवार, जनवरी 8, 2003
3
छोटी पनौती
मिथुन
मंगलवार, अप्रैल 8, 2003
रविवार, सितम्बर 5, 2004
4
छोटी पनौती
मिथुन
शुक्रवार, जनवरी 14, 2005
बुधवार, मई 25, 2005
5
छोटी पनौती
तुला
मंगलवार, नवम्बर 15, 2011
मंगलवार, मई 15, 2012
6
छोटी पनौती
तुला
शनिवार, अगस्त 4, 2012
रविवार, नवम्बर 2, 2014
7
साढ़े साती
कुम्भ
शुक्रवार, अप्रैल 29, 2022
मंगलवार, जुलाई 12, 2022
उदय
8
साढ़े साती
कुम्भ
बुधवार, जनवरी 18, 2023
शनिवार, मार्च 29, 2025
उदय
9
साढ़े साती
मीन
रविवार, मार्च 30, 2025
बुधवार, जून 2, 2027
शिखर
10
साढ़े साती
मेष
गुरुवार, जून 3, 2027
मंगलवार, अक्टूबर 19, 2027
अस्त
11
साढ़े साती
मीन
बुधवार, अक्टूबर 20, 2027
बुधवार, फ़रवरी 23, 2028
शिखर
12
साढ़े साती
मेष
गुरुवार, फ़रवरी 24, 2028
मंगलवार, अगस्त 7, 2029
अस्त
13
साढ़े साती
मेष
शनिवार, अक्टूबर 6, 2029
मंगलवार, अप्रैल 16, 2030
अस्त
14
छोटी पनौती
मिथुन
सोमवार, मई 31, 2032
बुधवार, जुलाई 12, 2034
15
छोटी पनौती
तुला
सोमवार, जनवरी 28, 2041
मंगलवार, फ़रवरी 5, 2041
16
छोटी पनौती
तुला
गुरुवार, सितम्बर 26, 2041
शुक्रवार, दिसम्बर 11, 2043
17
छोटी पनौती
तुला
गुरुवार, जून 23, 2044
सोमवार, अगस्त 29, 2044
18
साढ़े साती
कुम्भ
रविवार, फ़रवरी 25, 2052
गुरुवार, मई 14, 2054
उदय
19
साढ़े साती
मीन
शुक्रवार, मई 15, 2054
मंगलवार, सितम्बर 1, 2054
शिखर
20
साढ़े साती
कुम्भ
बुधवार, सितम्बर 2, 2054
शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055
उदय
21
साढ़े साती
मीन
शनिवार, फ़रवरी 6, 2055
शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057
शिखर
22
साढ़े साती
मेष
शनिवार, अप्रैल 7, 2057
मंगलवार, मई 27, 2059
अस्त
23
छोटी पनौती
मिथुन
सोमवार, जुलाई 11, 2061
सोमवार, फ़रवरी 13, 2062
24
छोटी पनौती
मिथुन
मंगलवार, मार्च 7, 2062
गुरुवार, अगस्त 23, 2063
25
छोटी पनौती
मिथुन
बुधवार, फ़रवरी 6, 2064
शुक्रवार, मई 9, 2064
26
छोटी पनौती
तुला
बुधवार, नवम्बर 5, 2070
रविवार, फ़रवरी 5, 2073
27
छोटी पनौती
तुला
शुक्रवार, मार्च 31, 2073
सोमवार, अक्टूबर 23, 2073
28
साढ़े साती
कुम्भ
शनिवार, अप्रैल 12, 2081
शनिवार, अगस्त 2, 2081
उदय
29
साढ़े साती
कुम्भ
बुधवार, जनवरी 7, 2082
रविवार, मार्च 19, 2084
उदय
30
साढ़े साती
मीन
सोमवार, मार्च 20, 2084
मंगलवार, मई 21, 2086
शिखर
31
साढ़े साती
मेष
बुधवार, मई 22, 2086
शनिवार, नवम्बर 9, 2086
अस्त
32
साढ़े साती
मीन
रविवार, नवम्बर 10, 2086
शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087
शिखर
33
साढ़े साती
मेष
शनिवार, फ़रवरी 8, 2087
शनिवार, जुलाई 17, 2088
अस्त
34
साढ़े साती
मेष
रविवार, अक्टूबर 31, 2088
मंगलवार, अप्रैल 5, 2089
अस्त
35
छोटी पनौती
मिथुन
मंगलवार, सितम्बर 19, 2090
मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090
36
छोटी पनौती
मिथुन
सोमवार, मई 21, 2091
गुरुवार, जुलाई 2, 2093
37
छोटी पनौती
तुला
शनिवार, दिसम्बर 26, 2099
बुधवार, मार्च 17, 2100
38
छोटी पनौती
तुला
शुक्रवार, सितम्बर 17, 2100
शनिवार, दिसम्बर 2, 2102
39
साढ़े साती
कुम्भ
मंगलवार, फ़रवरी 17, 2111
मंगलवार, मई 2, 2113
उदय
40
साढ़े साती
मीन
बुधवार, मई 3, 2113
गुरुवार, सितम्बर 21, 2113
शिखर
41
साढ़े साती
कुम्भ
शुक्रवार, सितम्बर 22, 2113
गुरुवार, जनवरी 25, 2114
उदय
42
साढ़े साती
मीन
शुक्रवार, जनवरी 26, 2114
रविवार, मार्च 29, 2116
शिखर
43
साढ़े साती
मेष
सोमवार, मार्च 30, 2116
बुधवार, मई 18, 2118
अस्त
शनि साढे साती : उदय चरण
यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में आपको गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे आपके कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। आपको अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा आप अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः आपको परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।
शनि साढे साती: शिखर चरण
यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान आप सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। आपको अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। आपकी सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए आपको नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो आप संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आपको मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में आपकी सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना आपको इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।
शनि साढे साती: अस्त चरण
यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद आप कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और आपको इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। आपकी सोच नकारात्मक हो सकती है। आपको उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि आप समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।
नोट: उपर्युक्त भविष्यवाणियाँ सामान्य प्रकृति की हैं और आम धारणाओं पर आधारित हैं, जिसके अनुसार साढ़े साती अनिष्टकारक होती है। किन्तु हमारे अनुभव के अनुसार प्रत्येक स्थिति में ऐसा नहीं होता है और हम पाठकों से यह आलेख पढ़ने का अनुरोध करते हैं। सिर्फ़ साढ़े साती के आधार पर कोई भी निष्कर्ष निकालना सही नहीं है और उसके ग़लत होने की काफ़ी संभावना रहती है। साढ़े साती की अवधि अच्छी रहेगी या बुरी, यह तय करने से पहले कुछ अन्य चीज़ों जैसे वर्तमान में चल रही दशा और शनि के स्वभाव आदि के विश्लेषण की भी आवश्यकता होती है। आपको सलाह दी जाती है कि उपर्युक्त फलकथन को गंभीरता से न लें और यदि आपके मन में कुछ शंका है, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें।
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