उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों का फल

 

उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों का फल

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष के अनुसार उत्तराभाद्रपादनक्षत्र का स्वामी शनि  ग्रह है। यह एक सोफ़े का पिछला पेय की दिखायी देता है। यह नक्षत्र अहिर बुधयान और लिंग पुरुष है। यदि आप उत्तराभाद्रपादनक्षत्र से संबंध रखते हैं, तो उनसे जुड़ी अनेक शब्दावली जैसे व्यक्तित्व, शिक्षा, आय और पारिवारिक जीवन आदि यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों के जातक का व्यक्तित्व

आपका व्यक्तित्व जादुई और आकर्षक है और आपके चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती है। अगर आप किसी को तस्वीर खींचकर देख लें तो वह सब कुछ ठीक कर लेता है और गुलाम बन जाता है। आप ज्ञानवान, बुद्धि और विवेकशील हैं। सभी के साथ आपका व्यवहार सम रहता है अर्थात आप ऊँचे-नीच का कोई भेदभाव नहीं करते हैं। कलाकारों को अभिरुचि देना और अभिरुचि में देखना आपको पसंद नहीं है। आपको अपने क्रोध पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए। वैसे जब भी आपको क्रोध आता है तो वह क्षणिक होता है। मन से आप एकदम निर्मल और निर्मल हैं। इंदौर में आप स्नेह करते हैं उनके लिए प्राण तक देने को तैयार रहते हैं। आपकी वाणी में मधुरता है व स्कोकला में आप दक्ष हैं। आपको शत्रुघ्न कहा जा सकता है। आपकी एक खूबी यह है कि आप एक ही समय में विभिन्न विषयों में स्टोर प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि यदि आप अधिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो आपका ज्ञान विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ा-लिखे व्यक्ति के समान ही होता है। ललित कलाओं में आपकी रुचि है और आपके विस्तृत लेख व पुस्तकें बुक करने में भी सक्षम हैं। अपनी असाधारण योग्यता और क्षमता के कारण आप अपने हर कार्य क्षेत्र में प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकते हैं। आल्सिया का आपके जीवन में कोई महत्व नहीं है। जब आप किसी काम को करने की कोशिश करते हैं तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। घायल हाथ की चोट पर भी आप निराश नहीं होते हैं। आपको हवाई किले बनाना पसंद नहीं है यानी आप वास्तविकता और सच्चाई में विश्वास रखते हैं। चारित्रिक रूप से आप प्रभावशाली स्ट्रैटेजी हैं और विषय-वस्तु की ओर आकर्षित नहीं होते हैं।

अपनी बातों पर आप कायम रहते हैं। जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं। दया की भावना आपमें कूट-कूट कर भरी है। जब भी कोई बेकार या लाचार व्यक्ति आपके सामने आता है तो आप उसकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। धर्म के प्रति भी आपकी गहरी आस्था है और धार्मिक कार्यों से भी आप जुड़े हुए हैं। आप व्यापार करें या नौकरी - दोनों ही स्थिति में सफल होंगे। आपकी सफलता का कारण आपका कर्मयोगी होना अर्थात कर्म में विश्वास बनाए रखना है। अपनी मेहनत और कर्म से आप जमीन से आसमान का सफर तय कर लेंगे और सफलता की मंजिल पर कदम-दर-परायणता चढ़ जाएंगे। अध्यात्म, दर्शन एवं रहस्यमयी विद्याओं में आपकी गहरी रुचि है। समाज में आपकी गिनती एक विद्वान के रूप में होती है। सामजिक डॉक्यूमेंट से जुड़े होते हुए भी आप एकांत में रहना पसंद करते हैं। आपका त्याग त्याग की ओर है और आप दान देने में विश्वास रखते हैं। समाज में अपने व्यक्तित्व के कारण आपको वैध सम्मान एवं आदर प्राप्त होता है। आपकी प्रौढ़ावस्था सुख एवं आनंद से प्रारम्भ होगी।

शिक्षा और आय

आपकी शिक्षा अच्छी रहेगी और कई विषयों का भी आपको ज्ञान होगा। आप ध्यान एवं योग विशेषज्ञ, रोग निदान एवं चिकित्सा विशेषज्ञ, सलाहकार, आध्यात्मिक गुरु, तपस्वी, योगी, दिव्य पुरुष, दान संस्था से जुड़े कार्य, विद्वान, सिद्धांत, कवि, लेखक, संगीतज्ञ, कलाकार, सरकारी कर्मचारी, इतिहासकार, सुरक्षाकर्मी आदि कार्य करके सफल हो सकते हैं।

पारिवारिक जीवन

आप अपनी जन्मभूमि से दूर जीवनयापन करेंगे। संभव है कि पिता से आपको अधिक लाभ न मिले और आपको बचपन में कुछ अनदेखा सा महसूस हो। आपकी जिंदगी खुशियों से भरी होगी। आपकी अंतिम वस्तु होगी आपकी संतति ही आपकी वास्तविक वस्तु होगी। शादी के बाद आपका असली भाग्योदय होगा। आपकी संतान आज्ञाकारी, बुद्धिमान और बड़ों का आदर करने वाली होगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ