राम मंत्र: अर्थ, महत्व और लाभ

 

                                   राम मंत्र: अर्थ, महत्व और लाभ



श्री राम सबसे अधिक पूजे जाने वाले हिंदू देवताओं में से एक हैं। राम जी को हिंदू धर्म के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। "जय श्री राम" का जाप ही समाज में आपकी पहचान बनाने के लिए काफी माना जाता है। भगवान कृष्ण के अलावा, श्री राम भगवान हिंदू इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण विष्णु अवतारों में से एक माने जाते हैं। धरती पर उनके जन्म का उद्देश्य असुर राज रावण का वध करना था और मानव जाति के लिए बेहतर मार्ग निर्धारित करना था ताकि वे उसका अनुसरण कर सकें। उन्होंने ही धर्म के मार्ग की स्थापना की। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी माना जाता है, जिसका अर्थ है मनुष्य का संपूर्ण रूप जो हर सीमा से अधिक है।

मनुष्य रूप में वह आदर्श हैं। उनकी मौजूदगी सभी पुरुषों के सामने एक ऐसा उदाहरण पेश करती है, जिसका अनुसरण अपनी जिंदगी जीने के लिए करना चाहिए। भगवान राम पुरुषों के बीच धर्म की स्थापना के साथ-साथ, राम-केंद्रित संप्रदायों में हिंदू त्रिमूर्ति का भी हिस्सा हैं, साथ ही उन्हें अवतार के बजाय सर्वोच्च माना जाता है। वह सदाचार के प्रतीक और धर्म के आधार पर जीवन जीने के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में यह प्रचलित है कि जिस तरह से श्री राम अपनी जिंदगी जीते थे, लोगों को उन्हीं की तरह अपनी जिंदगी जीनी चाहिए और भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। इससे यह पता चलता है कि श्री कृष्ण की तरह जिंदगी जीना आसान नहीं है लेकिन भगवान राम की तरह अपनी जिंदगी को जिया जा सकता है। श्री राम ने गीता के नियम नहीं बनाए और न ही वह पुस्तक के रचयिता हैं। इसके बजाय उन्होंने गीता की शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन जिया और लोगों के सामने एक उदारहण पेश किया। भगवान श्री राम ने वन में एक अत्यंत सरल तपस्वी का जीवन जिया। वह जहां भी जाते, वहां तीन लोगों के रहने के लिए एक झोपड़ी बना लेते थे। जमीन पर सोते हुए, प्रतिदिन फल आदि खाते थे और प्रतिदिन ध्यान करते थे।

वह खुद के बनाए कपड़े पहनते थे। वह धनुष-बाण की मदद से जंगलों में राक्षसों और शिकारी जानवरों से सबकी रक्षा करते थे। आप यह कल्पना कर सकते हैं कि उस समय कितने भयानक जंगल हुआ करते थे और उन जंगलों में जंगली जानवर के साथ-साथ इंसान भी हुआ करते थे। लेकिन श्रीराम ज्ञान और धैर्य से सब कुछ संभालने में सक्षम थे और रावण को मारने में सफल रहे। श्री राम की पूजा और दर्शन दो प्रकार से की जाती है, एक राजा दशरथ के घर जन्मे बालक के रूप में। उनका दूसरा रूप सर्वोच्च ब्राह्मण का है, जिसके कार्यों और आध्यात्मिकता से योगियों को प्रसन्नता होती है।

राम मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं

जो जातक नियमित रूप से भगवान राम की पूजा करते हैं, उनका आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है। भगवान राम अपनी दृढ़शक्ति और कठिन परिस्थितियों में स्थिर रहने के लिए जाते हैं। ‘राम’ शब्द का जाप सकारात्मक ऊर्जा लाने और आत्मा को जागृत करने के लिए पर्याप्त है। "श्री राम" आत्मा का यिन (श्री) और यांग (राम) है और शरीर की इड़ा और पिंगला नाड़ियों में संतुलन लाता है, जो उचित रक्त परिसंचरण और अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। "राम" शब्द अपने आप में बहुत शक्तिशाली है क्योंकि यह "रा" और "ओम" से बना है, जो मानव शरीर के सात चक्रों में से दो चक्र हैं। राम की पूजा करना और उनके आदर्शों का पालन करना आध्यात्मिक रूप से पूर्णता प्राप्त करने का मार्गदर्शन है। भगवान राम की पूजा करने और उनके मंत्रों का जाप करने से भी भौतिक आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों की भौतिक आवश्यकताओं का पूर्ण करने के साथ-साथ श्री राम व्यक्ति के बेहतर जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

राम मंत्र का जाप कैसे करें 

  • कई राम मंत्र होते हैं और प्रत्येक मंत्र का एक विशेष अर्थ होता है। इसलिए प्रत्येक मंत्र का पूरी भक्ति और समर्पण के साथ जाप करना चाहिए।
  • किसी भी मंत्र का जाप स्वच्छ शरीर से करना चाहिए। इसलिए स्नान के बाद ही इस मंत्र का जाप करें।
  • जाप करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ये दिशाएं सबसे अधिक लाभ पहुंचाती हैं।
  • अपनी सभी चिंताओं को छोड़ दें। ब्रह्मांड के साथ संबंध बनाते हुए केवल राम शब्द और मंत्र के शब्दों पर ध्यान केंद्रित करें।
  • अध्यात्मिकता को बढ़ाने के लिए काले या नीले के साथ सफेद रंग के वस्त्र पहनें। यह भगवान राम के प्रति हमारी पूर्ण भक्ति को दर्शाता है।
  • पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप लगातार 48 दिनों तक करना चाहिए। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो इस मंत्र का सोमवार के दिन जाप करना चाहिए।
  • मंत्रों का जाप दिन में तीन बार 9, 27, 54, 108 या 1008 बार करना चाहिए। ऐसा करते समय रुद्राक्ष माला का उपयोग करें।
  • श्री राम को प्रसाद के रूप में पायसम, पंचमीर्थम, अनाग्राम (गुड़, कस्तूरी, और अदरक), और मेथी पुलाव चढ़ाया जाता है। आप चाहें तो इसके अतिरिक्त अपने मन की चीजें भी दे सकते हैं।

महत्वपूर्ण श्री राम मंत्र

1. शक्तिशाली राम मंत्र 

भगवान श्री राम एक वचनी है। वह जिसे भी वचन देते हैं, अपने वचन को पूरा करने के लिए वह अपना सर्वस्व लगा देते हैं। रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए। भगवान श्री राम ने अपने जीवन में केवल एक ही स्त्री से प्रेम किया और उन्हीं से विवाह किया। राम जी ने पराई स्त्री के बारे में कभी नहीं सोचा। वह माता सीता से बेहद प्रेम करते थे और उनके बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे। जब माता सीता का हरण हुआ तो वह उनकी तलाश में रोते-रोते जंगल में भटकते रहे। जब माता सीता वाल्मीकि जी के आश्रम में रहने चली गईं तो श्री राम भी महलों के आराम को छोड़कर जमीन पर सोने लगे।

                              



राम मंत्र है:

रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे, रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नमः ||

अर्थ- यह मंत्र भगवान श्री राम के कई नामों को संबोधित करता है। यह रघु कुल के वंशज राम की स्तुति है। यह उन्हें माता सीता का पति और सबसे सम्मानित व्यक्ति कहता है, जो दुख को समाप्त कर सकता है और खुशी को बढ़ावा दे सकता है।

इस राम मंत्र के जाप के लाभ 
  • इस मंत्र का जाप करने वाला एक निश्चिंत जीवन जी सकता है, क्योंकि वह जानता है कि भगवान राम जिंदगी के हर कदम पर उनके साथ खड़े हैं और जरूरत पड़ने पर सही राह दिखाएंगे।
  • शक्तिशाली राम मंत्र का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है और इच्छाशक्ति दृढ़ होती है, जो व्यक्ति को अंदर से मजबूत बनाता है।
इस राम मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समयकभी भी, सुबह-सुबह, सोमवार
इस मंत्र का जाप करने की संख्या9, 27, 54, 108, 1,008 बार
इस राम मंत्र का जाप कौन कर सकता है?कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करेंउत्तर या पूर्व की ओर

2. सफलता और धन को आकर्षित करने का राम मंत्र 

कई बार ऐसा हुआ है कि जब श्रीराम कंद-मूल के लिए वनों में भटकते थे, लेकिन उन्हें कंद-मूल नहीं मिलते थे। इसलिए उन्हें पहले का बचाकुचा भोजन ही करना पड़ता था। घर से बाहर किसी अंजान जगह जाने पर, रेगिस्तान में, दुर्गम क्षेत्रों में अक्सर लोगों को अपने मन का भोजन नहीं मिलता। लेकिन मांस हर जगह उपलब्ध होता है। लेकिन इन राम, लक्ष्मण और सीता ने कभी भी राजसिक या तामसिक भोजन को हाथ तक नहीं लगाया बल्कि यह कहा जाता है कि लक्ष्मण वन में रहते हुए अधिकांश दिन उपवास में रहते थे। यह बात तो सभी जानते हैं कि भगवान राम ने एक पूरा दिन और एक पूरी रात शबरी के बेर खाकर गुजारे थे।

सफलता और धन को आकर्षित करने का राम मंत्र है:

ॐ क्लीं नमो भगवते रामचन्द्राय सकलजन वश्यकराय स्वाह: ||

अर्थ- इस मंत्र में क्लीं बीज ध्वनि है। यह ध्वनि जापकर्ता के जीवन में सफलता और खुशी को आकर्षित करता है। यह मंत्र भगवान राम की एक करिश्माई देवता के रूप में प्रशंसा करता है, जो ब्रह्मांड में शांति और सद्भाव को बढ़ावा दे सकता है।

मंत्र जाप के लाभ
  • श्री राम राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वह सदैव धर्म के पथ पर चले और आम जन के समक्ष आदर्श जीवन जीने का सही तरीका निर्धारित किया। भगवान राम स्वयं एक उदाहरण हैं, जिनका पूर्णता प्राप्त करने के लिए अनुसरण किया जाना चाहिए।
  • यह मंत्र व्यक्ति को श्री राम के विशाल व्यक्तित्व और गुणों से रूबरू कराता है।
  • श्री राम मंत्रों का नियमित जाप करने से कर्ता को दृढ़ इच्छा शक्ति मिलती है, जिसके उपयोग से वह अपने जीवन में हर सुख और सफलता को प्राप्त कर सकता है।
इस राम मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समयकभी भी, सुबह-सुबह, सोमवार
इस मंत्र का जाप करने की संख्या9, 27, 54, 108, 1,008 बार
इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करेंउत्तर या पूर्व की ओर

3. श्री राम गायत्री मंत्र 

जब भगवान श्री राम वनवास के लिए निकले, उन्होंने अपने सभी शाही वस्त्रों को त्याग कर तपस्वियों के वस्त्र धारण किए और नंगे पांव जंगल की ओर निकल गए। वनवास के दौरान कई बार उन्हें भोजन प्राप्त नहीं होता था। ऐसे में उन्हें भूखे पेट ही सोना पड़ता था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी भी मांसाहारी भोजन को नहीं छूआ। कई बार तो उन्हें विभिन्न राज्यों के राजाओं द्वारा दावत के लिए आमंत्रित किया गया था और राजाओं ने उन्हें खुश करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की थी। लेकिन श्री राम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ कभी भी उनका निमंत्रण स्वीकार नहीं किया और सम्मान के साथ मना कर दिया। वे केवल ऋषि मुनियों और ऋषियों के आश्रमों में रहते थे या पत्तों, शाखाओं और अन्य कच्चे माल से अपनी झोपड़ियां बनाते थे।

श्री राम गायत्री मंत्र

ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥

अर्थ- किसी भी अन्य गायत्री मंत्रों की तरह, राम गायत्री मंत्र सुरक्षा प्रदान करता है। यह मंत्र भगवान राम को दशरथ के पुत्र और माता सीता के पति के रूप में संबोधित करता है। इस मंत्र के द्वारा जातक अपनी विचार की स्पष्टता और सही निर्णय लेने की शक्ति में वृद्धि की प्रार्थना करता है।

राम गायत्री मंत्र जाप के लाभ
  • श्री राम गायत्री मंत्र उनकी पत्नी माता सीता पर केंद्रित है। राम मंत्र के जाप से मन संतुलित होता है।
  • इस मंत्र के निरंतर जाप से अशांत मन को शांत किया जा सकता है।
  • यदि किसी को नींद न आने की यानी अनिद्रा की समस्या हो रही है, तो उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए। चूंकि यह मंत्र मन को शांत रखता है, मस्तिष्क में सामंजस्य और संतुलन बनाने में मदद करता है। इस तरह नींद आने की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है।
राम गायत्री मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समयकभी भी, सुबह-सुबह, सोमवार
इस मंत्र का जाप करने की संख्या108 बार
राम गायत्री मंत्र का जाप कौन कर सकता हैं?कोई भी
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करेंउत्तर पूर्व

अन्य शक्तिशाली राम मंत्र 

कठिन समय में भगवान श्री राम ने हर जगह संयम, दृढ़ संकल्प, धैर्य, साहस और कम साधनों के साथ जीने की मिसाल कायम की। विपत्ति आने पर भी उन्होंने धैर्य और संयम कभी नहीं खोया बल्कि शांतिपूर्वक हर स्थिति में अपने शत्रुओं के साथ संवाद स्थापित किया। श्री राम ने क्रोध में कभी कोई निर्णय नहीं लिया। हालांकि, उनके भाई श्री लक्ष्मण उनके व्यक्तित्व से इतर हैं और उन्हें जल्द क्रोध आ जाता है। विपरीत परिस्थितियों में, उन्होंने समाधान के बारे में सोचने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग किया और बिना संवाद के समाधान खोजना सिखाया।

1. कोदण्ड राम मंत्र 

श्री राम जय राम कोदण्ड राम॥

अर्थ- कोदण्ड उस धनुष का नाम है, जिसे राम ने राक्षसों और बुरी ताकतों को हराने के लिए अपने हाथों में रखा था। यह मंत्र कहता है कि कोदण्ड धारण करने वाले भगवान राम की जीत हो। राम-कोदंड की जोड़ी अजेयता और अंतिम जीत का प्रतीक है। इस मंत्र का जाप करने से सभी भय दूर हो जाते हैं। साथ ही सद्भाव और सफलता को बढ़ावा मिलता है।

2. जयम मंत्र 

श्री राम जयम ||

अर्थ- इस मंत्र का शाब्दिक अर्थ है 'भगवान राम की विजय'। यह एक बहुत लोकप्रिय मंत्र है, जिसका व्यापक रूप से सामूहिक जाप के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है। यह मंत्र शांति और सद्भाव को भी बढ़ावा देता है।

3. ह्रीं मंत्र 

ह्रीं राम ह्रीं राम ||

अर्थ- यह एक और सरल मंत्र है, जिसका उपयोग आध्यात्मिक राह पर पर्याप्त मार्गदर्शन की चाह में किया जा सकता है। यह मंत्र आध्यात्मिक तौर पर जागरूक होने में मदद करता है।

4. राम क्लीं मंत्र 

क्लीं राम क्लीं राम||

अर्थ- इस राम मंत्र का प्रयोग अनिष्ट शक्तियों से रक्षा के लिए किया जाता है। ये शक्तियां काला जादू, नकारात्मक मानसिकता, अदृश्य शक्तियां आदि हो सकती हैं। इसके साथ ही अन्य लोगों के नकारात्मक विचार और भावनाएं, अवसादग्रस्त मनोदशा, दृष्टिकोण और कार्य जो हमारी ऊर्जा को क्षति पहुंचाते हैं, उनसे भी यह मंत्र हमारी रक्षा करता है।

5. फट् मंत्र 

फट् राम फट् ||

अर्थ- अगर आप ऐसी आंतरिक शांति की तलाश कर रहे हैं, जो आपके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाए। ऐसे में आप इस मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। यह मंत्र आपको काफी लाभ पहुंचाएगा। यह सरल राम मंत्र आपकी आंतर्रात्मा को सामंजस्य बैठाने में मदद करता है, जिससे आप एक निष्ठावान व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। यह मंत्र आपके जीवन में विचार, शब्द और कर्म की स्पष्टता भी लाता है। जप करने वाला धर्म के पथ पर चलने के लिए प्रेरित होता है।

6. रामाय मंत्र 

रामाय नमः ||

अर्थ- इस सरल मंत्र का उद्देश्य उपासक की जिंदगी में स्पष्टता लाना है। यह मंत्र विशेष रूप से मन और वचन को पवित्र करता है। इस मंत्र का मूल कार्य मन से अशुद्ध विचारों को दूर करना है। यह मंत्र नकारात्मक, विचलित करने वाले या विनाशकारी विचारों को दूर करता है। जातक को आंतरिक शांति और आध्यात्मिकता की भावना प्राप्त करने में मदद करता है।

7. रामचन्द्राय मंत्र

श्री रामचन्द्राय नमः ||

अर्थ- चंद्र देव के साथ श्री राम को समर्पित यह मंत्र जातक को ध्यान अवस्था में बैठने के लिए तैयार करता है। इस मंत्र के ध्वनि स्पंदनों की मदद से मन के विभिन्न रूप खुद को पुनर्व्यवस्थित करते हैं।

8. शरणं मंत्र 

श्री राम शरणं मम् ||

अर्थ- इस मंत्र के नियमित जाप से जातक को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत शक्ति प्राप्त होती है। यह स्वस्थ रहने में मदद करता है और मन को खुश रखता है।

9. हुं मंत्र

ॐ रामाय हुं फट् स्वाहा ||

अर्थ- इस मंत्र के जप से मणिपुर चक्र में आरोग्य शक्ति सक्रिय हो जाती है। यह मंत्र उस ऊर्जा को संतुलित करता है, जो चक्र को शक्ति प्रदान करता है।

राम मंत्र जाप के समग्र लाभ 

  • श्री राम पूर्णता के प्रतीक हैं। उन्होंने आजीवन सैद्धांतिक जीवन जिया है। राम मंत्र के जाप से शरीर और आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस मंत्र की मदद से व्यक्ति का आत्म-सम्मान बढ़ता है। जिन लोगों को अपनी क्षमता पर संदेह होता है, उन्हें इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
  • राम मंत्रों का नियमित जाप करने से कर्ता की इच्छा शक्ति मजबूत होती है। ये मंत्र हमें श्री राम की तरह वादों को निभाने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही राम मंत्र जातक को इच्छाशक्ति को दृढ़ करते हैं और बहादुर बनाते हैं।
  • किसी भी मंत्र में "श्री राम" शब्द का प्रयोग करने से मंत्र की शक्ति बढ़ जाती है क्योंकि इस शब्द में ब्रह्मांड की ऊर्जा समाहित है।
  • राम मंत्रों का जाप नियमित रूप से जातक के चारों ओर एक स्वस्थ वातावरण बनाता है क्योंकि जाप के दौरान बोले गए प्रत्येक शब्द में उन सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करने की शक्ति होती है जो व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन मंत्रों की बदौलत चौतरफा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • नियमित रूप से राम मंत्रों का जाप करने से धन और समृद्धि को आकर्षित किया जा सकता है। उन लोगों को विशेषकर इन मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिन पर आर्थिक संकट है या बहुत अधिक कर्ज है। इस मंत्र के उच्चारण से आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। आप ऋण मुक्त हो जाएंगे।
  • क्लीं बीज मंत्र के संयोजन से राम मंत्र अधिक शक्तिशाली हो जाता है। इसके जाप से मानसिक या भौतिक सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं। श्रीराम न केवल आध्यात्मिक संतुष्टि प्रदान करते हैं, बल्कि उनका उदार स्वभाव भौतिक सुख भी दे सकता है।

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