सूर्य मंत्र का अर्थ, महत्व और जानें लाभ
योग में मन और आत्मा को एकाग्र करने के लिए मंत्रों का उपयोग किया जाता है। यह प्रणायाम और ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है। हिंदू धर्म में सूर्य देवता की पूजा करने के लिए सूर्य मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
सूर्य सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक है, क्योंकि यह मौसम पर राज करता है। यह मानवजाति की भोजन आपूर्ति के लिए फसल की पैदावार करता है। इसके अलावा और भी कई कारणों से सूर्य देव की पूजा की जाती। यह मान्यता है कि सूर्य देव प्रकाश और ऊर्जा के प्रदाता हैं। यह भी प्रचलित है कि सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं जिन्हें मनुष्य अपनी नग्न आंखों से देख सकता है- प्रत्यक्ष दैवम।
जो लोग नियमित रूप से सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हैं, सूर्य देव उनके जीवन से अंधकार को दूर करते हैं। सूर्य देव के तेज प्रभावों के कारण ही देश के विभिन्न हिस्सों में उन्हें अर्का और मित्रा के नाम से जाना जाता है।
सूर्य मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं?
सूर्य मंत्र
वाक्यांशों की एक श्रृंखला है। सूर्य देव का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिए लोग इस मंत्र का उच्चारण करते हैं। सूर्य देव अपने भक्तों के अशांत मन को शांत करते हैं और उनकी जिंदगी में सकारात्मकता लाते हैं। ज्योतिष में कई सूर्य मंत्र हैं। प्रत्येक मंत्र का अपना अर्थ और प्रभाव है। हालांकि, सभी मंत्र मूलरूप से मन की शांति और जीवन में समृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
इसके अलावा नियमित सूर्य मंत्रों का उच्चारण करने से बेहतर स्वास्थ्य लाभ होता है और इससे भक्ति के प्रति उनकी आस्था बढ़ती है। यह जातक को ब्रह्मांड के प्रति आभार व्यक्त करने और उन्हें स्वास्थ्य तथा शांति का भंडार बनने में मदद करता है। इसका अर्थ यह है कि सूर्य देव एकमात्र ऐसे भगवान हैं, जो रोगों को दूर करते हैं और पूरी दुनिया को पुनर्जीवित करेंगे। इसी वजह से प्रत्येक व्यक्ति को धन, स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए सूर्य देवता का ध्यान करना चाहिए।
सूर्य मंत्र का जाप कैसे करें
जातक सूर्योदय के तुरंत बाद सूर्य मंत्र का जाप कर सकते हैं। लेकिन आपका उच्चारण स्प्ष्ट होना चाहिए और मन में किसी भी तरह की नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए। सूर्य मंत्र का उच्चारण करने वाले लोगों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वे सकारात्मकता को अवशोषित करते हैं इसलिए ध्यान करते समय खुद को शांत रखना चाहिए।
इसके अलावा, आपको सूर्य मंत्र का जाप करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- भगवान सूर्य रविवार के शासक हैं इसलिए रविवार के दिन किसी भी सूर्य मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। यदि आप इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करते हैं, तो इसकी शुरुआत रविवार से करें।
- प्रार्थना और ध्यान की शुरुआत सूर्य स्नान के तुरंत बाद शांत दिमाग से करनी चाहिए। इस मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
- ताजे फूल और धूप के उपयोग से बेहतर तरीके से ध्यान लगाने में मदद मिलती है। इसलिए जब भी आप पूजा-प्रार्थना करें, इनका उपयोग अवश्य करें।
- सूर्य मंत्र का जाप करते समय पानी का बर्तन और कुमकुम रखना भी बेहतर माना जाता है।
- सूर्य मंत्र का जाप करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपके दिमाग में बुरे विचार या नकारात्मक भाव जरा भी ना हों।
- साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करते समय अपने मन या हृदय में किसी भी प्रकार का ईर्ष्या या क्रोध नहीं रखनी चाहिए। यह सकारात्मक ऊर्जा को बाधित करेगा और शुभता के आगमन में रुकावट पैदा करेगा।
महत्वपूर्ण सूर्य मंत्र
1. सूर्य मंत्र
वैदिक ज्योतिष में सूर्य मंत्र, सूर्य देव को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ मंत्र है। यह लोगों को सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाता है और सुख तथा कल्याण के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक शक्ति भी प्रदान करता है। प्रतिदिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भी लोगों को समृद्धि प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह न केवल लोगों के मन में आए आत्म-संदेह को दूर करता है बल्कि मानसिक संकटों को भी दूर करने में सहयोग करता है।
सूर्य मंत्र है:
नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे आयुररोग्य मैस्वैर्यं देहि देवः जगत्पते ||
अर्थ - ब्रह्मांड के शासक सूर्य देव, आप सभी रोगों को दूर करने वाले हैं। मैं आपको नमन करता हूं और कृपया अपने भक्तों को लंबी उम्र, स्वास्थ्य और धन प्राप्ति का आशीर्वाद दें।
सूर्य मंत्र जाप के लाभ
- यदि आप नियमित रूप से सूर्य मंत्र का जाप करते हैं, तो निश्चित रूप से आपको सूर्य देव की कृपा प्राप्त होगी।
- आप बेहतर तरीके से और मजबूती से जीवन की बाधाओं और परेशानियों का सामना कर सकेंगे।
- आपमें धैर्य बढ़ेगा जिससे बेहतरी के लिए आध्यात्मिक मार्ग पर चलना आसान हो जाएगा।
- सकारात्मक सोच के साथ आपके विचार समृद्ध होंगे और आप अपने जीवन के प्रति कृतज्ञ महसूस करेंगे।
सूर्य मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय | सूर्योदय के दौरान |
इस मंत्र का जाप कितनी बार करें | दिन में 3,7,9,108 व 1008 बार |
इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है? | कोई भी |
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें | पूर्व दिशा |
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सूर्य नमस्कार मंत्र उस धारणा की सराहना करता है, जो एक व्यक्ति सूर्य को प्रदान करता है। आमतौर पर शरीर को शांत करने के लिए सूर्य नमस्कार किया जाता है। इसमें बारह आसन शामिल हैं, जो लगभग बारह और एक चौथाई वर्षों के सूर्य के चक्र को दर्शाते हैं। जिन जातकों को लगता है कि उनके शरीर में फूर्ति है, सूर्य नमस्कार मंत्रों का जाप करने से उन्हें बेहतर तरीके से तालमेल बैठाने में मदद मिलेगी। सूर्य मंत्र न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है बल्कि अपने अंतर्मन को खोजने और समझने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के प्रत्येक मंत्र में अलग मुद्रा और आसन शामिल हैं और ये शरीर के विभिन्न हिस्सों को चार्ज करते हैं।
सूर्य नमस्कार मंत्र हैं:
ॐ मित्राय नमः।
अर्थ- हम प्रार्थना करते हैं, जो सभी के अनुकूल हो।
ॐ रवये नमः।
अर्थ- हम उज्ज्वल और दीप्तिमान की प्रार्थना करते हैं।
ॐ सूर्याय नमः।
अर्थ- हम उनसे प्रार्थना करते हैं जो जीवन से अंधकार को दूर करते हैं हमारे किए गए कर्म के लिए जिम्मेदार हैं।
ॐ भानवे नमः।
अर्थ-हम उनसे प्रार्थना करते हैं, जो हमारे जीवन को प्रकाशमान बनाते हैं।
ॐ खगाय नमः।
अर्थ- हम उससे प्रार्थना करते हैं जो सर्वव्यापी है, जो आकाश में घूमता है।
ॐ पुषणे नमः।
अर्थ- हम पोषण और शक्ति देने वाले से प्रार्थना करते हैं।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
अर्थ- हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं जिनके पास सुनहरे रंग हैं।
ॐ मरीचये नमः।
अर्थ- हम हमारे जीवन को प्रकाशमय बनाने वाले से प्रार्थना करते हैं।
ॐ आदित्याय नमः।
अर्थ- हम ब्रह्मांडीय दिव्य माता अदिति के पुत्र से प्रार्थना करते हैं।
ॐ सविरे नमः।
अर्थ- हम जीवन देने वाले से प्रार्थना करते हैं।
ॐ अर्काय नमः।
अर्थ- हम यश और कीर्ति देने वोले से प्रार्थना करते हैं।
ॐ भास्कराय नमः।
अर्थ- हम ज्ञान और प्रकाश देने वाले से प्रार्थना करते हैं।
सूर्य नमस्कार मंत्र जाप के लाभ
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सूर्य नमस्कार मंत्र के जाप करने का सर्वोत्तम समय | सूर्योदय के दौरान |
इस मंत्र का जाप कितनी बार करना करें | 12 मंत्र , 12 बार |
सूर्य नमस्कार का जाप कौन कर सकता है? | कोई भी |
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें | सूर्य की ओर |
3 सूर्य बीज मंत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य बीज मंत्र व्यक्ति को सूर्य देव से जुड़ने में मदद करता है। यह मंत्र आपको प्रसिद्धि और अच्छा स्वास्थ्य देने की शक्ति रखता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि यह आंखों की रोशनी में सुधार करता है और आंखों से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों और रोगों को दूर करता है। इसके अलावा, इस सूर्य मंत्र का जाप करने से जातकों को भगवान सूर्य की शरण में आने और उनकी दिव्य कृपा प्राप्त करने में मदद मिलती है।
सूर्य बीज मंत्र है:
।। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।
अर्थ- मैं महान सूर्य देव को उनकी दिव्य कृपा के लिए संबोधित करता हूं।
सूर्य बीज मंत्र के जाप के लाभ
- सूर्य बीज मंत्र के जरिए जातक अपने जीवन में संतुलन बनाए रख सकता है।
- यदि आप इसका प्रतिदिन जाप करते हैं, तो आप सहजता से अध्यात्म के मार्ग पर जाने का तरीका खोज लेंगे।
- इसके अलावा, वैदिक ज्योतिष में सूर्य मंत्र जातक को सूर्य देव का आशीर्वाद भी प्रदान करता है।
- यह मंत्र उन्हें जीवन की प्रतिकूलताओं और मानसिक भ्रम से उबरने में भी मदद करता है।
- सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करने से भी लोगों को शक्ति और आत्मविश्वास से भरे एक सामंजस्यपूर्ण जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
सूर्य बीज मंत्र के जाप करने का सर्वोत्तम समय | सूर्योदय के दौरान |
इस मंत्र का जाप कितनी बार करें | सर्वोत्तम परिणामों के लिए 40 दिनों में 7000 बार |
सूर्य मंत्र का जाप कौन कर सकता है? | कोई भी |
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें | सूर्य यंत्र के सामने |
अन्य शक्तिशाली सूर्य मंत्र
1. सूर्य गायत्री मंत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य गायत्री मंत्र व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह के सभी नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करता है। सूर्य गायत्री मंत्र का उच्चारण भी आपको ऊर्जा और अच्छे स्वास्थ्य की तलाश में मदद करेगा। इसके अलावा, जब पूरी भक्ति और एकाग्रता के साथ सूर्य मंत्र पढ़ा जाता है, तो सकारात्मकता और दिव्यता के प्रदाता सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय सूर्य ग्रहण के दौरान होता है।
सूर्य गायत्री मंत्र हैं:
।। ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराया धीमहि तनमो आदित्य प्रचोदयात् ।।
अर्थ- मुझे दिन के निर्माता सूर्य देव का ध्यान करने दो, मुझे उच्च बुद्धि दो और भगवान सूर्य को मेरे मन को रोशन करने दो।
।। ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्न: सूर्य प्रचोदयात् ।।
अर्थ-मैं हजारों किरणों वाले सूर्य देव का ध्यान करता हूं। सूर्य देव मेरी बुद्धि को प्रकाशित करें।
।। ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात् ।।
अर्थ- जो सात घोड़ों के रथ पर सवार हो (सात रंग जो वर्णक्रम बनाते हैं) और जो हजारों किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं, मैं आपको नमन करता हूँ।
सूर्य गायत्री मंत्र के जाप के लाभ
- जब आप सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, तो आपके आंखों की रोशनी बेहतर हो सकती है और त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
- सूर्य ग्रहण के समय सूर्य मंत्र उच्चारण करने से जातक की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- प्रतिदिन सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने से जातक के जीवन में पूर्ण सामंजस्य के साथ सकारात्मकता और अनुकूल समय संचित होता है।
- बुरे विचारों से मन की शुद्धि भी सूर्य मंत्र का एक लाभ है।
- इसके अलावा, यदि आप प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करते हैं तो आध्यात्मिकता और शांति के मार्ग की ओर झुकाव बढ़ता है।
सूर्य गायत्री मंत्र के जाप करने का सर्वोत्तम समय | सूर्योदय के दौरान |
इस मंत्र का जाप कितनी बार करें | 108 बार |
सूर्य मंत्र का जाप कौन कर सकता है? | कोई भी |
किस ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें | पूर्व दिशा |
2. आदित्य हृदयम् मंत्र
हृदय शब्द पोषण और उपचार का प्रतीक है। इस प्रकार, इस सूर्य मंत्र का जाप करने से लोगों को आदित्य की आत्मा और हृदय से जीवन में सकारात्मकता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह जातक को जीवन के हर क्षेत्र में हर तरीके से बेहतर करने और सफल होने में मदद करता है। इस मंत्र का प्रभाव ऐसा है कि यह जातकों को ज्ञान प्राप्त करने और उन्हें खुद को बेहतर बनाने में सहायता देता है। यह मंत्रों के उच्चारण करने वाले को शक्ति भी प्रदान करता है।
आदित्य हृदयं मंत्र है:
।। आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्
जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्।।
अर्थ- यह पवित्र मंत्र आदित्य हृदयं है जो सभी शत्रुओं का नाश करता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से आप विजयी होते हैं और जिंदगी में स्थायी सुख मिलता है।
आदित्य हृदयं मंत्र के जाप के लाभ
- यदि आप प्रतिदिन आदित्य हृदयं मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो इससे आपको अहंकार और क्रोध से छुटकारा मिलेगा।
- साथ ही लोगों को नकारात्मकता और लालच से भी मुक्ति मिलेगी।
- शुद्ध मन को प्राप्त करने की आपकी इच्छा में वृद्धि होगी।
- इसके अलावा, इस मंत्र का प्रतिदिन जाप आपको आध्यात्मिकता और उपदेशों के श्रोता बनने के लिए प्रेरित करेगा।
- सूर्य ग्रह के लिए यह मंत्र आपको निडर और आत्मविश्वासी भी बनाएगा, जो आपको जीवन में सफल होने में मदद करेगा।
आदित्य हृदयं मंत्र के जाप करने का सर्वोत्तम समय | सूर्योदय के दौरान |
इस मंत्र का जाप कितनी बार करें | 60 दिनों के लिए दिन में 6 बार |
आदित्य हृदयं मंत्र का जाप कौन कर सकता है? | कोई भी |
किस ओर मुख करके मंत्र का जाप करें | पूर्व दिशा |
सूर्य मंत्रों के जाप के समग्र लाभ
भगवान सूर्य के साथ जुड़ाव जातकों को कई क्षेत्रों में मदद करेगा। वैदिक ज्योतिष में किसी भी सूर्य मंत्र का जाप करने से लोगों को भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सूर्य मंत्र का जाप करने के अन्य लाभ इस प्रकार हैं:
- सूर्य मंत्र का जाप करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह मन को नकारात्मक विचारों से मुक्त करता है।
- यह व्यक्ति में अच्छाईयों को बढ़ाता है और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
- ज्योतिष में सूर्य मंत्र के जरिए जातक भगवान सूर्य का आभार व्यक्त करता है। इस तरह वह मानव जाति से बेहतर तरीके से जुड़ता है। इसके अलावा, वे निस्वार्थ हो जाते हैं और वे बेहतर उम्मीदों के साथ जीवन जीते हैं।
- यह दृष्टि से संबंधित रोगों को ठीक करने में मदद करता है। वास्तव में, यह लोगों की आंखों की रोशनी में भी सुधार करता है।
- सूर्य मंत्र का जाप करने का एक और लाभ यह है कि यह लोगों को अपना ध्यान मजबूत करने में मदद करता है। भगवान सूर्य लोगों को बुद्धि और ज्ञान प्रदान करते हैं और उन्हें अपने प्रयासों में सफलता का आनंद लेने देते हैं।
- यह शांति के साथ-साथ व्यक्ति के शरीर को आराम भी देता है और जातक के जीवन को समृद्ध बनाता है।
- नियमित सूर्य ग्रह के मंत्र का उच्चारण करने वाले निडर और आत्मविश्वासी जीवन जीते हैं। साथ ही ये जीवन में आई समस्याओं का धैर्य के साथ सामना करते हैं।
- सूर्य मंत्रचंद्र मंत्रमंगल मंत्रबुद्ध मंत्रबृहस्पति मंत्रशुक्र मंत्रशनि मंत्रराहु मंत्रकेतु मंत्र
1 टिप्पणियाँ
good mantra for navgraha
जवाब देंहटाएंशिवम ज्योतिष 51 एक विश्वसनीय मंच है जो ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि और व्यक्तिगत मार्गदर्शन की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। चाहे आप दैनिक, मासिक या वार्षिक राशिफल की तलाश कर रहे हों, यह सेवा आपको जीवन की चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए सटीक भविष्यवाणियां प्रदान करती है। वैदिक ज्योतिष में विशेषज्ञता रखने वाला, शिवम ज्योतिष 51 काल सर्प योग, मांगलिक दोष और करियर, रिश्तों, स्वास्थ्य और वित्त को प्रभावित करने वाले विभिन्न ग्रहों के प्रभावों जैसे आवश्यक विषयों को कवर करता है।